शनि अभी अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में हैं और इस पूरे साल इसी राशि में रहेंगे। यानी शनि का गोचर इस साल नहीं होगा। लेकिन शनि वक्री और मार्गी होते रहेंगे। सूर्य पुत्र और कर्मफल दाता शनि महाराज 29 जून 2024 को रात 11:40 बजे पर कुंभ राशि में वक्री होंगे।
प्राचीन मनीषियों के अनुसार, शनि अंधकार, दुर्भाग्य, गोपनीयता, व्यय, व्यस्तता, जीवन, मृत्यु, लोहा, सीसा, बुढ़ापा, गरीबी, चोर, परेशानी, शोक, प्रलोभन, विनाश, क्षय, क्रूरता, दुर्भावना है, विपत्ति, कठिनाई, प्रतिशोध, व्यंग, अशिष्टता, अपवित्रता, विघ्न, आलस्य, विलम्ब, मूढता, निर्वाह के साधन, व्यापार, उद्योग, पतलापन, एहसान फ़रामोश, कालापन, समय, त्याग, तपस्या आदि का कारण माना जाता है। शनि कफनाशक है.
शनि की चाल, भाग्य या स्थिति में परिवर्तन का प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पड़ता है, तो आइए जानते हैं शनि के वक्री होने से सभी राशियों पर पड़ने वाले लाभकारी और प्रतिकूल प्रभावों के बारे में। वैदिक ज्योतिष में शनि को दायित्व कारक ग्रह माना गया है। वह एक शिक्षक हैं और लोगों को व्यवस्थित तरीके से रहना सिखाते हैं। इन विशेषताओं के आधार पर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। शनि व्यक्ति को अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करने की भी अनुमति देता है। यदि आप अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करते हैं, तो आपके कार्य सकारात्मक परिणाम लाएंगे, लेकिन यदि आप अपनी ऊर्जा का उपयोग गलत उद्देश्य या गलत दिशा में करते हैं, तो आपको नकारात्मक परिणाम मिलेंगे। कुंभ राशि में शनि का वक्री होना अन्य सभी राशियों पर क्या प्रभाव डालते हैं आइए जानते हैं।

मेष राशि
मेष राशि के लिए शनिदेव दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके एकादश भाव में वक्री होगा। जन्म पत्रिका के ग्यारहवें स्थान का सम्बन्ध हमारे आय तथा इच्छाओं की पूर्ति से होता है। करियर की बात करें तो नौकरीपेशा लोगों के लिए शनि का वक्री होना अनुकूल माना जा रहा है। इस दौरान तमाम कठिनाइयों के बावजूद आप अपने काम में अच्छी सफलता हासिल करेंगे। जो लोग व्यापार से जुड़े हैं उन्हें शनि वक्री के दौरान अच्छा मुनाफा मिलेगा। मेष राशि के जातकों को धन कमाने में चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप पुरानी गलतियों से सीखकर लाइफ में नई चीजों को एक्सप्लोर करेंगे। सफलता प्राप्त करने के लिए नई रणनीति बनाएं, लेकिन कार्यों के नकारात्मक परिणाम मिलने पर निराश न हों। इस दौरान व्यापार में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। कुछ जातकों को नई जॉब मिलने में देरी हो सकती है।

वृषभ राशि में, शनि 9वें और 10वें भाव का स्वामी है और वर्तमान में आपके 10वें भाव में वक्री है। जन्मपत्रिका के दसवें स्थान का सम्बन्ध हमारे करियर, राज्य तथा पिता से होता है। शनि के इस गोचर से आपके पिता के स्वास्थ्य में थोड़ी दिक्कत आ सकती है। इस स्थिति के कारण शनिदेव को करियर में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। हम पारिवारिक वृद्धि में भी ऐसे ही परिणाम देखते हैं। वृषभ राशि वालों पर काम का भारी बोझ हो सकता है जिससे उनकी ऊर्जा और समय बर्बाद हो सकता है। व्यवसाय की बात करें तो इन लोगों को व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक पक्ष पर, कुंभ राशि में शनि का वक्री होना आपको अच्छा वित्तीय लाभ देगा, लेकिन फिर भी आप बचत नहीं कर पाएंगे। शनि की उलटी चाल से वृषभ राशि वालों के भावनाओं में उतार-चढ़ाव आना संभव है। महत्वपूर्ण कार्य रुक-रुककर चलेंगे। अपने करियर गोल्स पर फोकस करें। परिवर्तनों से न घबराएं। ऑफिस के कार्यों में लापरवाही न बरते और सभी कार्यों को बड़ी जिम्मेदारी से संभालें।

मिथुन राशि के लिए शनि आठवें और नौवें भाव का स्वामी है। अब यह आपके नवम भाव में वक्री होगा। जन्म पत्रिका के नौवें स्थान का सम्बन्ध हमारे भाग्य से होता है। इसलिए संभव है कि इस समय भाग्य आपका साथ न दे और इसलिए आपमें आत्मविश्वास की भी कमी हो सकती है। मिथुन राशि के लोग अपनी वर्तमान नौकरी में कुछ बेहतरीन अवसर गँवा सकते हैं। इस बात की भी संभावना है कि कार्यस्थल पर आपका सम्मान कम हो जाए और आपकी मेहनत की सराहना नहीं की जाएगी। आपके निजी जीवन की बात करें तो परिवार में लगातार समस्याओं के कारण आपके और आपके साथी के बीच तीखी बहस या असहमति उत्पन्न होने की संभावना है। आने वाले दिनों में मिथुन राशि वालों के जीवन में कई बड़े बदलाव होंगे। आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपके अचानक से खर्च भी बढ़ेंगे। ज्यादा परेशान न हों। अपने खर्च करने की आदतों पर नजर रखें। आय में वृद्धि के नए विकल्पों की तलाश करें। बेकार के खर्चों पर कंट्रोल रखें। धन बचत जरूर करें।

कर्क राशि वालों के लिए, शनि 7वें और 8वें घर का स्वामी है और वर्तमान में 8वें घर में वक्री हो रहे है।कर्क राशि- वालों शनि आपके आठवें स्थान पर वक्री हुये है। जन्म पत्रिका के आठवें स्थान का सम्बन्ध हमारे आयु से है। आठवें भाव में शनि के वक्री होने से इन लोगों को अप्रत्याशित लाभ मिलेगा। साथ ही आपका जीवन अचानक विकास के पथ पर अग्रसर हो जाता है। जैसा कि आप अपने करियर पर विचार कर रहे हैं, इस दौरान आप अपने कार्यस्थल पर अच्छे अवसरों से चूक सकते हैं। आपको आर्थिक रूप से सतर्क रहना चाहिए क्योंकि अगर आप यात्रा के दौरान लापरवाही बरतेंगे तो आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है। प्यार में आपको अपने जीवन साथी के साथ रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा, जिससे घर का माहौल ख़राब हो सकता है।इस दौरान अपने करियर गोल्स पर फोकस करें। बिजनेस में तरक्की के लिए नया प्लान बनाएं। धैर्य बनाए रखें और समस्या का समझदारी से समाधान निकालें। निवेश के नए अवसरों पर नजर रखें। इस अवधि में आपको अचानक से बढ़ने वाले खर्चों से भी निपटना होगा। आर्थिक मामलों में कोई बड़ा रिस्क न लें। सोच-समझकर धन खर्च करें।

सिंह राशि वालों के लिए शनि महाराज छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं। यह इस समय आपके सप्तम भाव में वक्री होगा। जन्म पत्रिका के सातवें स्थान का सम्बन्ध हमारे जीवनसाथी से है। शनि के इस गोचर से आपके दाम्पत्य रिश्ते में थोड़ी नोक-झोंक हो सकती है । पेशेवर माहौल में आपको काम के सिलसिले में अनावश्यक यात्रा करनी पड़ सकती है, जो आपको पसंद नहीं आएगी। सिंह राशि के जो लोग व्यापार करते हैं उन्हें व्यापार में कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए आपको सावधान रहने की जरूरत है। आपके निजी जीवन पर नजर डालें तो आपके और आपके पार्टनर के रिश्ते में अहं की समस्या हो सकती है और ऐसे में आप थोड़े परेशान रह सकते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में तरक्की के लिए मेंटर या किसी अनुभवी की सलाह लेने में संकोच न करें। धन के मामले में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी।

कन्या राशि वालों के लिए शनि आपकी राशि के पांचवें और छठे भाव का स्वामी है। यह वर्तमान में कुंभ राशि में आपके छठे घर में वक्री है। जन्म पत्रिका के छठे स्थान का सम्बन्ध हमारे मित्र, शत्रु तथा स्वास्थ्य से है। शनि के इस गोचर से आपके मित्र से किसी बात को लेकर अनबन हो सकती है। चूंकि शनि कुंभ राशि में वक्री है, इसलिए आपको अपने खर्चों को पूरा करने के लिए ऋण लेना पड़ सकता है।जो लोग अपना खुद का व्यवसाय करते हैं उन्हें व्यावसायिक प्रयासों की कमी के कारण प्रतिस्पर्धियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें तो शनि के वक्री होने के दौरान आर्थिक नुकसान होने की संभावना है, जिससे आप दुखी नजर आ सकते हैं।
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तुला राशि वालों के लिए शनि देव चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। फिलहाल यह आपके पंचम भाव में ही वक्री हो रहे है। जन्म पत्रिका के पांचवे स्थान का सम्बन्ध हमारे संतान, बुद्धि, विवेक और रोमांस से है। शनि के इस गोचर के प्रभाव से छात्रों का पढ़ाई में मन लगेगा। कार्यस्थल में आपके किए गए कार्य पर सवाल उठ सकता है। आपके आर्थिक जीवन में धन की कमी की समस्या हो सकती है और इसका कारण बजट का पालन न कर पाना है। अपने प्रेम जीवन में इन लोगों को भावनात्मक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है जिसमें अहम आगे आ जाता है, इस कारण जीवनसाथी से मनमुटाव हो सकता है।

वृश्चिक राशि वाले लोगों के लिए शनि तीसरे और चौथे घर का स्वामी है। अब यह आपके चतुर्थ भाव में वक्री होंगे। जन्मपत्रिका के चौथे स्थान का सम्बन्ध हमारे भवन, भूमि, वाहन तथा माता से है। शनि के इस गोचर से माता के स्वास्थ्य में थोड़ी गिरावट आ सकती है। शनि के वक्री होने पर अपने परिवार पर ध्यान दें। इन लोगों को अपने जीवन में गिरावट महसूस हो सकती है। इसके अतिरिक्त, आपका आराम भी सीमित हो सकता है। जैसे-जैसे आपका करियर आगे बढ़ेगा, नौकरी के बेहतर अवसर आपसे दूर हो सकते हैं और साथ ही, आपका काम का बोझ भी बढ़ सकता है, जिससे आपको नुकसान होने की संभावना है। आर्थिक जीवन में यात्रा के दौरान लापरवाही के कारण आपको आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप कोई नई जमीन लेने की सोच रहे हैं तो कुछ दिन रूक कर लें वरना परिणाम आपके इच्छा अनुसार नहीं होगा ।

धनु राशि की कुंडली में शनि देव शनि दूसरे और तीसरे घर के स्वामी हैं और वर्तमान में आपके तीसरे घर में होंगे । जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान का सम्बन्ध हमारे पराक्रम, भाई-बहन तथा यश से है। शनि के इस गोचर से आप खुद को ताकतवर महसूस करेंगे। इस दौरान आपका अधिकांश समय यात्रा करने में भी व्यतीत होगा। इसलिए इन लोगों को अपनी तरक्की पर ध्यान देना चाहिए। जब शनि कुंभ राशि में वक्री होगा, तो आपको करियर में मामूली लाभ मिल सकता है, लेकिन आप बहुत संतुष्ट नहीं दिखेंगे। आर्थिक तौर पर घरेलू कामकाज के कारण आपके ख़र्चे बढ़ सकते हैं।

मकर राशि वालों के लिए, शनि देव न केवल राशि के स्वामी हैं, बल्कि आपके लग्न/प्रथम और द्वितीय भाव के भी स्वामी हैं। यह इस समय आपके दूसरे भाव में वक्री होंगे। जन्मपत्रिका के दूसरे स्थान का सम्बन्ध हमारे धन तथा स्वभाव से है। शनि के इस गोचर से आपकी इनकम बढ़ सकती है। जब आप किसी से बात करें तो आवश्यकता से अधिक न बोलें वरना आपके बातों का गलत मतलब निकाला जा सकता है।ऐसे में शनि वक्री के दौरान आप अपना अधिकतर समय अपने परिवार के साथ बिताएंगे। इसके अलावा आप अपनी आर्थिक स्थिति पर भी काम कर रहे हैं। आपको को अपने शब्दों के चयन में बेहद सावधानी बरतने की ज़रूरत है। करियर की बात करें तो इस दौरान अचानक नौकरी में बदलाव की संभावना है, जिससे आप असंतुष्ट नजर आ सकते हैं। आर्थिक जीवन में मकर राशि के लोग धन की बचत नहीं कर पाएंगे, जिससे आप चिंतित महसूस कर सकते हैं।

कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव प्रथम और द्वादश भाव के स्वामी हैं। वे इस समय आपके प्रथम भाव में वक्री होंगे। जन्म पत्रिका में लग्न यानि पहले स्थान का सम्बन्ध हमारे शरीर तथा मुख से है। शनि के इस गोचर से स्वास्थ्य संबंधी समस्या बन सकती है।इसलिए इन लोगों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। वहीं दूसरी ओर आपको अनावश्यक खर्च वाली अनावश्यक यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं। जब करियर की बात आती है, तो आप अपने जीवन को बेहतर बनाने और नौकरी से संतुष्टि पाने के लिए करियर बदलने का फैसला कर सकते हैं, लेकिन इस समय करियर में बदलाव से बचना बेहतर है क्योंकि यह फलदायी नहीं है। आर्थिक जीवन की बात करें तो, इन लोगों को अप्रत्याशित स्रोतों से धन की प्राप्ति होगी जिससे आपको लाभ होगा। शनि की वक्री अवस्था के दौरान कुंभ राशि वालों को तरक्की के अनगिनत अवसर मिलेंगे। सफलता की राह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। सभी कार्यों के मनचाहे परिणाम मिलेंगे। हालांकि, आर्थिक मामलों में थोड़ी सावधानी बरतें। बिजनेसमेन को फंड कलेक्ट करने में देरी हो सकती है।

मीन राशि वालों के लिए शनि महाराज ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शनि इस समय आपके 12वें भाव में वक्री है। जन्मपत्रिका के बारहवें स्थान का सम्बन्ध आपके व्यय तथा शय्या सुख से है। शनि के इस गोचर से आप शैय्या सुख का अनुभव करेंगे।इसलिए इस समय आपको अपनी आर्थिक स्थिति पर ध्यान देने और सोच-समझकर खर्च करने की जरूरत है। शनि के वक्री होने के दौरान आप स्वयं को कुछ हद तक अधूरा महसूस कर सकते हैं। कार्यस्थल में आप काम के दबाव में रहेंगे , जिससे आप परेशान हो सकते हैं। कुंभ राशि में शनि के वक्री होने से आपको आर्थिक जीवन में लाभ और हानि दोनों का सामना करना पड़ सकता है। अचानक से खर्च बढ़ेंगे या कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। अपने खर्च करने की आदतों पर नजर रखें और धन से जुड़े फैसले लेते समय कोई रिस्क न लें।