पितृदोष का संबंध हमारे पितरों से और पूर्व जन्म के कर्मो से होता है। ऐसे में पितृ दोष से बचने लिए Pitra Dosha Nivaran Yantra बहुत लाभदायक है।
पितरों के और हमारे स्वयं द्वारा पूर्व जन्म में किये गए बुरे कर्मों के परिणामस्व रूप बनता है पितृ दोष, जिसका फल जातक और उसके परिवार को भुगतना पड़ता है।
परिवार के मुखिया द्वारा जो सत्कर्म अथवा दुष्कर्म अपने जीवन में किए जाते हैं,उनका फल उसके जाने के बाद पारिवारिक सदस्यों को भोगना पडता है—विशेष रूप से उसकी संतान को। अब वो फल अच्छा है या बुरा,वो तो उस मुखिया के किए गये कर्मों पर निर्भर करता है।
जीवन में तंगी/दुःख आमतौर पर पितृ दोष के कारण होती हैं।
यह दिवंगत पूर्वजों की आत्मा को निर्वाण न मिलने के कारण उत्पन्न होती है।
इसके अलावा, यह मुख्य रूप से तब होती है जब मृत पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष नहीं मिला।
यह माना जाता है कि आपके पूर्वजों या दिवंगत पूर्वजों की आत्मा ने मोक्ष की तलाश में हैं, यदि उनकी मृत्यु अप्राकृतिक थी या उनकी कम उम्र में हुई थी।
अकाल मृत्यु के कारण, उनकी आत्माएं निर्वाण प्राप्त नहीं करती हैं और पृथ्वी पर भटकती हैं।
दूसरा कारण उनकी कुछ अधूरी अतृप्त इच्छाएं हो सकती हैं।
यदि पूर्वज द्वारा अच्छे कार्य किए गये हैं तो निश्चित रूप से वह अपने परिवार को सम्पन्नता एवं प्रसन्नता दे पाएगा। यदि उसने अपने जीवन में अनैतिक कर्मों का ही आश्रय लिया है तो वह अपने परिवार को अपमान एवं दुख के अतिरिक्त ओर क्या दे सकता है ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन गलतियों की वजह से पितृ दोष लगता है. अगर पितृ दोष का निवारण नहीं किया जाता है तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी परेशान करता है.
पितृ दोष क्यों लगता है | Reason of Pitra Dosh
1. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब मृत्यु के बाद मृतक के अंतिम संस्कार में किसी प्रकार की कोई कमी रह जाती है तो ऐसे में पितृ दोष लगता है.
2. कहा जाता है कि अकाल मौत हो जाने पर परिवार के सदस्यों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का दंश झेलना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को अशुभ माना गया है. मान्यता है कि पितृ दोष की वजह से जीवन में दुर्भाग्य बढ़ने लगता है. ऐसे में अकाल मृत्यु होने पर पितर शांति पूजा कराना जरूरी होता है.
3. ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार, मृत्यु के बाद जब परिजनों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म नहीं किया जाता है तो ऐसे में पितृ दोष लगता है. इसके अलावा माता-पिता का अनादर या अपमान करने पर भी पितृ दोष लगता है.
4. पितरों का अपमान, किसी असहाय की हत्या, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ काटने, जाने-अनजाने में नाग की हत्या करने से पितृ दोष लगता है.
यहाँ उपलब्ध सिद्ध पितृ दोष निवारण यंत्र (Pitra Dosha Nivaran Yantra) के नित्य दर्शन और दिए गए मन्त्र का नित्य 11 बार जाप करने से पितृ दोष में कमी होती है, पितृ संतुष्ट होते है जिसके फलस्वरूप जीवन में बाधाएं नहीं आती है और जातक को सभी कार्यों में उल्लेखनीय सफलताएँ प्राप्त होती है।
पितृ दोष निवारण यंत्र एक ऐसा शक्तिशाली यंत्र है, जिसकी मदद से जातक को पितृ दोष से सम्बंधित सभी परेशानियों से जल्द छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ उसके कार्य में आने वाली रुकावटें भी इस यंत्र के पूजन से दूर हो जाती है। आइये जानते है इस यंत्र से जुड़े कुछ लाभ-
पितृ दोष निवारण यंत्र के लाभ |Benefits of Pitra Dosh Nivaran Yantra
धन वृद्धि में सहायक
ऐसा माना है की यदि जातक की कुंडली में पितृ दोष है तो उसके घर में धन का अभाव हमेशा बना रहता है। इतना ही नहीं, घर में बरकत भी नहीं होती है ।ऐसी स्थिति में आपको पितृ दोष निवारण यंत्र की अवश्य स्थापना करनी चाहिए।
संतान प्राप्ति में लाभदायक
यदि आप काफी समय से संतान प्राप्ति की इच्छा रखते है, लेकिन किसी कारण वश आपको संतान की प्राप्ति नहीं हो पा रही है तो संभव है यह पितृ दोष के कारण हो रहा हो। इसलिए, आपको नियमित पितृ दोष निवारण यंत्र का पूजन करना चाहिए।
कार्य सिद्धि में सहायक
आपके अक्सर देखा होगा की कई बार बहुत मेहनत करने के बाद भी हमे इच्छानुसार फल की प्राप्ति नहीं होती, चाहे फिर क्षेत्र व्यापर का हो या करियर का । यदि आपके बनते हुए काम बिगड़ रहे है तो यह पितृ दोष का एक लक्षण हो सकता है और ऐसे में कार्य सिद्धि करने में यह यंत्र बहुत असरदार साबित होता है।
पारिवारिक कलह से मुक्ति
घर के सदस्यों के बीच मन मुटाव होना या परिवार में अक्सर झगड़े होना भी पितृ दोष का ही एक मुख्य कारण है। यदि आपके घर में ज्यादातर लड़ाई-झगड़े या क्लेश का वातावरण बना रहता है तो आपको इन सब से निजात पाने के लिए निश्चित रूप से घर में पितृ दोष निवारण यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
पितृ दोष निवारण यंत्र आपके जीवन से संघर्ष को हटाने और पितृ दोष से प्रभावित लोगों के लिए आनंद, सद्भाव और सौभाग्य लाने में सहायता करता है।