Naav Ke Keel Ki Angoothi यदि आपकी शनि की साढ़ेसाती या शनि महादशा चल रही है, तो नाव के कील की अंगूठी शनिवार को मध्यमा अंगुली में धारण करें. इससे शनि का प्रकोप कम हो जाएगा.
शनि अपनी प्रिय राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। इस समय मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि साढ़े साती चल रही है तो कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या है।
शनि के कोप से बचने के उपाय
शनि के कोप के कारण व्यक्ति को जीवन में अनेक कष्ट भोगने पड़ते हैं. उसके जीवन में हर समय बाधाएं उत्पन्न होती हैं. लेकिन शनिदेव को प्रसन्न करके उनकी कृपा पा सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि के कोप को शांत करने के कई उपाय बताए गए हैं.
उनमे से बेहद लाभकारी और कम खर्चीला उपाय -नाव के कील की अंगूठी का उपयोग है.
1. यदि आपकी राशि में शनि अथवा राहु आ रहा है तो नांव के कील की अंगूठी धारण कर सकते हैं।
2. अगर आप साढ़ेसाती से ग्रस्त हो तो नांव के कील की अंगूठी धारण कर सकते हैं।
3. यदि आपकी राशि का अढैया चल रहा हो नांव के कील की अंगूठी धारण कर सकते हैं।
4. यदि आप शनि दृष्टि से ग्रस्त एवं पीड़ित हो तो नांव के कील की अंगूठी धारण कर सकते हैं।
5. यदि आप कारखाना, लोहे से संबद्ध उद्योग, ट्रेवल, ट्रक, ट्रांसपोर्ट, तेल, पेट्रोलियम, मेडिकल, प्रेस, कोर्ट-कचहरी से संबंधित हो नांव के कील की अंगूठी धारण कर सकते हैं।
6. यदि आप कोई भी अच्छा कार्य करते हो तो नांव के कील की अंगूठी धारण कर सकते हैं।
7. यदि आपका पेशा वाणिज्य, कारोबार में क्षति, घाटा, परेशानियां आ रही हों तो नांव के कील की अंगूठी धारण कर सकते हैं।
8. अगर आप असाध्य रोग कैंसर, एड्स, कुष्ठरोग, किडनी, लकवा, साइटिका, हृदयरोग, मधुमेह, खाज-खुजली जैसे त्वचा रोग से ग्रस्त तथा पीड़ित हो तो आप श्री शनिदेव के नांव के कील की अंगूठी धारण अवश्य कीजिए।
9. जो व्यक्ति बीमारी से ग्रसित हैं या जिन्हें बार-बार वाहन दुर्घटना का सामना करना पड़ रहा हैं, तो उन्हें नांव के कील की अंगूठी धारण करनी चाहिए, इससे रोग और दुर्घटना से निजात मिलेगी।
10. जिन जातकों को कड़ी मेहनत के बाद भी मनवांछित फल प्राप्त नहीं हो रहे हैं, उन्हें नांव के कील की अंगूठी धारण करना चाहिए तथा हर शनिवार अपने शरीर पर तेल की मालिश करनी चाहिए। इससे स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ रुके हुए काम भी बनने लगते हैं।
यदि आपकी कुंडली मे राहु अथवा केतु नीच राशि मे है, अशुभ स्थिति मे है तो राहु केतु की दशा अंतर दशा मे आपको नांव के कील की अंगूठी अवश्य धारण करना चाहिए।
शनि की साढ़ेसाती तकरीबन साढ़े सात साल और ढैय्या ढाई साल तक रहती है, ये दोनों मिलकर 10 साल होते हैं. साढ़ेसाती और ढैय्या में कर्मों के अनुसार फल मिलता है, लेकिन कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर बैठे हों तो शनि दोष उत्पन्न होता है
कुंडली के 3, 7 या 10वें घर में शनि विराजमान हों तो शनि दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं आने लगती हैं.
1. कमजोर शनि सबसे पहले जातक के जीवन में आलस्य की मात्रा को बहुत बढ़ा देता है। जातक अनुशासनहीन और अव्यवस्थित जीवन जीता है।
2. गृहणिया बर्तन धोना या कपडे धोने का काम सुबह से शाम पर टालती है।
3. बच्चे होम वर्क अंतिम समय में करते है या परीक्षा के 1 दिन पहले किताब खोलकर उसका श्रीगणेश करते है ।
4. पुरुष ज्यादातर ऑफिस लेट जाते है, कामचोरी करते है, बाल – नाख़ून- दाढ़ी साफ़ करने का समय नही निकाल पाते।
5. कमजोर शनि जातक की एकाग्रता को बहुत कम कर देता है साथ ही जातक को लक्ष्यविहीन बना देता है अर्थात जातक जीवन के मकसद को ही भूल जाता है।
6. कमजोर शनि से घर की मशीनरी एक के बाद एक अचानक ख़राब होने लगती है जैसे घडी बंद पड़ जाना, Iron ख़राब हो जाना, पंखा ख़राब होना आदि ।
7. कमजोर शनि जातक को बहुत जल्दी कर्ज में डुबा देता है और ये कर्ज जल्दी नही चुकता । जातक को काफी संघर्ष और लम्बे अंतराल के बाद ये कर्ज से छुटकारा मिलता है।
8. कमजोर शनि जातक को अच्छी आदतो से दूर करके बुरी आदत की ओर ले जाता है जैसे शराब / गुटखा / बीडी का सेवन, जुआ खेलना, सट्टा लगाना, अश्लील किताबे पढ़ना।
9.शनि दोष के कारण व्यक्ति को काम का श्रेय नहीं मिलता, मेहनत का पूरा फल नहीं मिलता, नौकरी में परेशानी, दोस्तों और रिश्तेदारों से बेवजह झगड़ा होता है.
10. शनि दोष के कारण व्यक्ति के बाल झड़ना, आंख खराब होना, कान में दर्द होता है. शनि खराब होने से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, टीबी, कैंसर, चर्म रोग, फ्रैक्चर, पैरालाइसिस, सर्दी-जुकाम, अस्थमा आदि जैसे रोग हो जाते हैं.
11. शनि के दुष्प्रभाव के कारण धर्म-कर्म पर व्यक्ति का विश्वास नहीं रहता है और उसे अकारण क्रोध आ जाता है. शनि ग्रह खराब हो तो कभी-कभी व्यक्ति बिना कुछ करे ही झूठे इल्जाम में फंस जाता है.
इस नाव की कील की अंगूठी को शनिवार या शनि जयंती अथवा शनि अमावस्या तथा अन्य विशिष्ट तिथियों के विशेष ऊर्जा काल के दिन बिना अग्नि मे तपाये बनाई जाती है।
इसे तिल्ली के तेल में 41 दिन शनिवार से शनिवार तक रखा जाता है तथा उस पर शनि मंत्र के 23,000 जाप से अभिमांत्रित सिद्ध तथा प्राण प्रतिष्ठित करके भेजा जाता है।
नाव की कील के फायदे बहुत है, कहने का तात्पर्य यह है की आप अगर कोई रत्न खरीदते हो तो एक तो वो इतने महंगे होते की आपका खरीदना मुस्किल हो जाता है , दूसरा उसका फायदे के साथ साथ नुकसान भी होना तय है, क्योंकि कभी रत्न गलत या कभी कुंडली देखने वाला ज्योतिष गलत, तो कभी रत्न आपको सूट नहीं किया तो दिक्कत |
जो फायदा एक नीलम रत्न आपको देता है ना उसी तरह नाव की कील की अंगूठी आपको फायदा पहुंचाती है, नीलम आपको नुकसान भी पहुंचा सकती है ,लेकिन नाव की कील की अंगूठी आपको नुकसान नहीं पहुंचाती |
शनि के कोप के कारण व्यक्ति को जीवन में अनेक कष्ट भोगने पड़ते हैं. उसके जीवन में हर समय बाधाएं उत्पन्न होती हैं. लेकिन शनिदेव को प्रसन्न करके उनकी कृपा पा सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि के कोप को शांत करने के कई उपाय बताए गए हैं.
उनमे से बेहद लाभकारी और कम खर्चीला उपाय है –
नाव की कील की अंगूठी
नाव की कील की अंगूठी धारण करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। बिगड़े कार्य स्वत: ही बन जाते हैं। सभी परिणाम आपके पक्ष में आने लगते हैं।
कभी कभी होता ये हैं की जो काम बड़े बड़े हथियार नहीं कर सकते वो काम एक सुई कर जाती हैं | उसी तरह जो काम बड़े बड़े रत्न नहीं कर सकते हैं , वो काम एक धातु कर जाता हैं |
चप्पू वाली नाव की कील से बनी अंगूठी पहनने से नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहते हैं साथ ही साथ ग्रहों के दोष से भी छुटकारा मिलता है.
नाव की कील शनिवार को प्राप्त कर सिद्ध करके व्यापार और व्यापारिक स्थानों में इसका उपयोग करने से जीवन में सुख, संपत्ति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शनिदेव का आशीर्वाद के लिय नाव की कील से बनी अंगूठी को पहनते है| जिसके कुंडली मे शनिदेव नाराज है , जो शनिदेव के साढ़ेसाती अथवा शनि महादशा अंतर्दशा से परेशान है , उनके लिय तो ये वरदान है|
सीधा सा मतलब ये है की आपको अगर नीलम जैसे रत्न का फायदा उठाना है और आप नीलम पहनने से डरते है या उतने पैसे नहीं है तो आपको नाव की कील से बनी अंगूठी पहन लेना चाहिए |
शनि साढ़ेसाती अथवा शनि महादशा अंतर्दशा का प्रकोप दूर करने का इससे सरल परंतु उतना ही सुलभ व सस्ता उपाय दूसरा नहीं मिलेगा।
यह उपाय उन व्यक्तियों के लिए बहुत लाभकारी है जिन्हें प्राय: शिकायत रहती है कि उनके पास पैसा आता तो है परंतु टिक नहीं पाता।
नाव की कील से बनी हुई अंगूठी शनिवार के अवाला किसी और दिन ले आएं। फिर इसको शनिवार की सुबह एक कटोरी में सरसों का तेल डालकर उसमें इसको डुबाकर करके रख दें। फिर शाम के समय इसको निकालकर जल से धोकर शुद्ध कर लें। इसके बाद इसे अपने सामने रखकर ओम् शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद, पुरुष इसे दाहिने तथा स्त्रियाँ बाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करें। ऐसा करने के बाद शनि की पीड़ा का असर खत्म होना शुरू हो जाएगा।
मेरा व्यक्तिगत अनुभव 35 सालों का रहा है कोई भी व्यक्ति के जीवन में नाव की कील से बनी अंगूठी अगर फायदा नहीं करती है तो नुकसान भी नहीं करती है। हां इतना जरूर है की जिन लोगों की कुंडली में शनि उच्च का हो तो उनको अवश्य पहनना चाहिए। इसके अलावा मकर, कुंभ राशि के लोगों के लिए विशेष फायदे के लिए नाव की कील से बनी अंगूठी पहन सकते है।
ये होते हैं शनि दोष के संकेत
– यदि आपके जन्म कुंडली में शनि दोष है तो व्यक्ति के धन और संपत्ति का धीरे-धीरे नाश होने लगता है. उसकी समृद्धि और वैभव खत्म होने लगता है.
– कुंडली में शनि दोष होने पर वाद-विवाद की स्थिति बनती है. व्यक्ति पर कोर्ट केस और झूठा आरोप लग सकता है, जिसके कारण मनुष्य कई तरह की कष्टों से जूझता हैं.
– शराब, जुआ और अन्य गंदी आदतें भी शनि दोष का संकेत हैं. काम में अड़चने आना, कर्ज का बोझ होना, घर में आग लगना, मकान बिकना भी शनि दोष के लक्षण हैं.
– शनि दोष के कारण व्यक्ति के बाल झड़ना, आंख खराब होना, कान में दर्द होता है. शनि खराब होने से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, टीबी, कैंसर, चर्म रोग, फ्रैक्चर, पैरालाइसिस, सर्दी-जुकाम, अस्थमा आदि जैसे रोग हो जाते हैं.
– शनि दोष के कारण व्यक्ति को काम का श्रेय नहीं मिलता, मेहनत का पूरा फल नहीं मिलता, नौकरी में परेशानी, दोस्तों और रिश्तेदारों से बेवजह झगड़ा होता है.
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What Our Customers Say
Our Customers' Experience with Naav ke Keel ki Angoothi-The Ultimate Remedy to drive through struggles during Shani Sadesati.
Rahul Kumar
Business Owner, Naivedh Spices
I was skeptical at first, but after wearing Naav ke Keel ki Angoothi, I felt a sense of calm and peace. The negative effects of Sadesati have reduced, and my relationships have improved. I thank the team at India Astrology Foundation for introducing me to this life-changing product. – Radha Narayan Singh
Radha Narayan Singh
Marketing Manager, V-NO Engineers
Experience Celestial Serenity with Naav ke Keel ki Angoothi
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