Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर राशि अनुसार दान करने से होंगी मनोकामना पूरी,

Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या  पर इस बार काफी दुर्लभ योग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार,

9 फरवरी 2024 को मौनी अमावस्या है. इस साल मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, मालव्य, विनायक, हंस और अमृत योग भी बन रहा है, इससे एक दिन पहले बुध मकर राशि में अस्त हो रहे हैं.

मौनी अमावस्या पर ग्रहों की खास स्थिति कुछ राशियों के लिए लाभदायक होने वाली है. इससे न सिर्फ धनलाभ के संयोग बन रहे हैं बल्कि नौकरी-व्यापार में चल रही परेशानियां दूर हो सकती है, प्रमोशन की संभावनाएं है. जानें मौनी अमावस्या पर किन-किन राशियों को होगा लाभ.

जानें मौनी अमावस्‍या से जुड़ी खास बातें.

Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान और दान का महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन के सभी दुखों और बाधाओं से राहत मिल जाती है। 

महोदय महासंयोग में मौनी अमावस्या 2024

मौनी अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान, दान, श्राद्ध आदि करते हैं. मौनी अमावस्या पर श्रेष्ठ बुधादित्य योग भी बन रहा है, जो पितरों की प्रसन्नता के लिए श्रेष्ठ योग माना गया है. इस योग में पितरों की पूजा और ग्रहों की शांति कराना अच्छा माना जाता है. जिसकी कुंडली में सूर्य नीच का है या कमजोर होकर अशुभ प्रभाव दे रहा है तो वे लोग भी मौनी अमावस्या पर बुधादित्य योग में ग्रह शांति करा सकते हैं.

Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या

इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन के ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव के अनुसार इस बार मौनी अमावस्या के दिन चतुर्दशी तिथि के साथ अमावस्या तिथि का होना, श्रवण नक्षत्र, व्यतीपात योग और शकुनी करण के संयोग से महोदय योग का निर्माण होता है. इस बार मौनी अमावस्या पर महोदय योग बन रहा है. मौनी अमावस्या पर महोदय योग सुबह 08:04 एएम से लेकर शाम 07:06 पीएम तक रहेगा. महोदय योग में स्नान, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, पितृ पूजा करने से कई लाभ होते हैं.

पितरों की प्रसन्नता के लिए बना श्रेष्ठ बुधादित्य योग:

अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है, इसलिए इस दिन पितरों के निमित् श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, पूजा और दान आदि जरूर करें. इस दिन नदी के तट पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें। इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और परिवार के तमाम कष् दूर होंगे.ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और पितृगण वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

इस दिन पितृ स्तोत्र का नियमित पाठ करें.

पीपल की पूजा

मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ-साथ अन्य देवता वास करते हैं। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए अमावस्या के दिन पीपल में जल अर्पित करें। इसके साथ ही सफेद रंग की मिठाई अर्पित करके परिक्रमा लगाएं।

अगर संभव हो तो पीपल का एक पौधा लगाएं. इस पौधे की देखभाल करें. जैसेजैसे ये पौधा बढ़ेगा, शनि और पितरों से जुड़े आपके कष् भी दूर हो जाएंगे.

दान

मौनी अमावस्या के दिन दिए गए दान को महादान माना जाता है। इसलिए इस दिन अपनी योग्यता के हिसाब से जरूरतमंदों, गरीबों को आटा, चावल, कंबल, तिल से बनी चीजें, मिठाई, चीनी, दूध आदि दान कर सकते हैं। इससे जीवन के कई कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा।

सूर्यदेव की पूजा

मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। जल चढ़ाते समय तांबे के लोटे में लाल सिंदूर, लाल फूल, काले तिल भी डाल लें।

इन पशु-पक्षियों को खिलाएं भोजन

मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने के साथ पितरों के लिए भोजन बनाएं जिसमें पहला भोजन गाय को, दूसरा कुत्ते को और तीसरा कौअे को दें। मान्यता है कि पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ऐसा करना भी लाभकारी होगा। पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

धन प्राप्ति के लिए मौनी अमावस्या का उपाय

मौनी अमावस्या पर धन की प्राप्ति के लिए रात के समय में माता लक्ष्मी की पूजा और साधना करने का विधान है. मौनी अमावस्या की मध्य रात्रि में आप श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करके भी माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.

 
मौनी अमावस्या 2024 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की तिथि की शुरुआत 09 फरवरी को सुबह 08 बजकर 02 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 10 जनवरी को सुबह 04 बजकर 28 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में 09 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। मौनी अमावस्या के दिन सुबह उठे और दिन की शुरुआत भगवान विष्णु के ध्यान से करें।

मौनी अमावस्या पर न करें ये काम

मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व होता है इस दिन मौन धारण करने का भी विधान होता है मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पूजा पाठ और व्रत के साथ साथ कुछ ऐसे कार्य भी है जिन्हें इस दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना पूरे परिवार को आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है तो आज हम आपको उन्हीं कार्यों के बारे में बता रहे है तो आइए जानते है। 

शास्त्र अनुसार इस दिन 

  1.  मांस मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  2. अधिक बोलने से भी बचना चाहिए। 
  3. श्मशान घाट या फिर ऐसी नकारात्मक जगहों पर नहीं जाना चाहिए।
  4. प्रातः अधिक समय बिस्तर पर न पड़े रहें। 
  5. किसी मजबूर व्यक्ति को बिल्कुल भी परेशान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं।
  6. जूते नहीं खरीदने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में शनिदोष पैदा होता है।
  7. शनिचरी अमावस्या के दिन घर में तेल या लोहा खरीदकर नहीं लाना चाहिए। अगर आपको शनिवार को इन चीजों का दान करना है तो पहले से ये चीजें खरीदकर रख लें।
  8. घर में क्लेश न करें, खासकर व्रती को इस दिन आपा न खोने की सलाह दी जाती है।ऐसा भी माना जाता है कि जिस घर में मौनी अमावस्‍या के दिन अशांति होती है, वहां पितृ देवता की कृपा नहीं पहुंचती है।
इन तीर्थों में स्नान से ‘अमृत की बूंदों’ का स्पर्श
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मौनी अमावस्या के दिन संगम, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करने से व्यक्ति के पाप मिटते हैं और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद अमृत कलश के लिए जब देवताओं और असुरों में छीना-झपटी हो रही थी, उस समय अमृत की कुछ बूंदें संगम, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं. इस वजह से उत्तम तिथियों पर यहां स्नान करने से ‘अमृत की बूंदों’ का स्पर्श प्राप्त होता है.

मौनी अमावस्या पर गौ दान का महत्व
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मौनी अमावस्या पर्व पर गौ दान करने से अनिष्ट ग्रहों की पीड़ा का शमन होता है जिससे वर्ष भर सुख-समृद्धि घर में निवास करती है। धर्मशास्त्र में प्राप्त वर्णन के अनुसार इस दिन गौ दान करने से सब प्रकार के पापों का क्षय, सब प्रकार की आधियों, व्याधियों का निवारण होता है।  

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मौनी अमावस्या पर राशि के अनुसार वस्तुओं का दान करने से जीवन में ग्रह बल प्राप्त होता है।

 मेष तथा वृश्चिक राशि:-
मेष तथा वृश्चिक राशि वाले मौनी अमावस्या के दिन लाल मसूर की दाल, गुण, लाल चंदन, लाल फूल, सिंदूर, तांबा, मूंगा, लाल वस्त्र आदि दान हेतु सम्मिलित करें तो उनको विशेष लाभ प्राप्त होगा। मौनी अमावस्या पर मेष राशि वाले भैरव मंदिर में सरसें के तेल का दीपक लगाएं. गेहूं का दान करें. इससे मंगल संबंधित दोष दूर होंगे. शत्रु बाधा नहीं बनेगा.

 
वृश्चिक राशि वालों को इस दिन नारियल नदी में प्राविहत करना चाहिए. साथ ही सुराही, मसूर दाल का दान करें. ये उपाय आपको ग्रह दोष से बचाएगा. व्यापार में आ रही परेशानी दूर होगी.
 



 वृष तथा तुला राशि:-

वृष तथा तुला राशि वाले मौनी अमावस्या के दिन सफेद वस्त्र, कपूर, खुशबूदार अगरबत्ती, धूप, इत्र आदि, दही, चावल, चीनी, दूध, चांदी, आदि दान हेतु सम्मिलित करें तो उनको विशेष लाभ प्राप्त होगा।

तुला राशि वाले मौनी अमावस्या पर वट वृक्ष की पूजा करें. पेड़ की 7 बार परिक्रमा लगाएं. इससे पति की आयु लंबी होती है. संतान पर कोई आंच नहीं आती. इसके अलावा कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन चांदी के नाग-नागिन जल में प्रवाहित करें
 

 

 मिथुन तथा कन्या राशि:-
मिथुन तथा कन्या राशि वाले मौनी अमावस्या के दिन हरी सब्जी, हरा फल, हरा वस्त्र, कांसे का बर्तन, पन्ना या उसका उपरत्न ऑनेक्स, हरी दाल, आदि दान हेतु सम्मिलित करें तो विशेष शुभ फल प्राप्त होगा।


 कर्क राशि:-

कर्क राशि वाले मौनी अमावस्या के दिन दूध, दही, चावल, सफेद वस्त्र, चीनी, चांदी, मोती, शंख, कपूर, बड़ा बताशा आदि का दान अवश्य करें।
कर्क राशि वाले इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं, उन्हें घी, आटा, शक्कर का दान करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और घर में कभी क्लेश नहीं होते.
 
 
 सिंह राशि:-
सिंह राशि वाले मौनी अमावस्या के दिन गेंहू, गुड़, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चन्दन, माणिक्य, शहद, केसर, सोना, ताँबा, शुद्ध घी, कुमकुम आदि दक्षिणा सहित दान करें।

 धनु तथा मीन राशि:-

धनु तथा मीन राशि वाले मौनी अमावस्या के दिन पीला वस्त्र, हल्दी, पीला अनाज, केला, चने की दाल, पुखराज या उसका उपरत्न सुनहला अथवा पीला हकीक, देशी घी, सोना, केसर, धार्मिक पुस्तक, पीला फूल, शहद आदि दान हेतु सम्मिलित अवश्य करें।
 
मौनी अमावस्या पर धनु राशि वाले चने की दाल, पीले रंग के फल दान में दें. साथ ही कोए, कुत्ते, गाय, देव, और चींटियों को भोजन कराएं. मान्यता है इससे शनि, गुरु, पितर की कृपा प्राप्त होती है. विवाह में बाधा नहीं आती. वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
 
मौनी अमावस्या पर मीन राशि वाले पीला हकीक, देशी घी, सोना, केसर, धार्मिक पुस्तक, पीला फूल, शहद आदि दान करें, इससे सब प्रकार के पापों का क्षय, सब प्रकार की आधियों, व्याधियों का निवारण होता है.

 मकर तथा कुंभ राशि:-
मकर तथा कुंभ राशि वाले मौनी अमावस्या के दिन काले तिल, काला वस्त्र, लोहा, काली उड़द दाल, काले फूल, सुरमा (काजल), चमड़े की चप्पल, कोयला, काला मिर्च, नीलम अथवा उसका उपरत्न जमुनिया, काले चने, काली सरसों, तेल आदि दान करें।
 
मकर राशि के स्वामीग्रह शनि है और इसलिए मौनी अमावस्या के दिन काले रंग की वस्तुओं का दान करें. शिवलिंग का अभिषेक करें. ऐसा करने से आपकी धन संबंधित समस्या भी दूर होगी. संपत्ति का वाद विवाद समाप्त होगा.
 
कुंभ राशि वालों को मौनी अमावस्या पर तेल में खुद की छाया देकर उसका दान करना चाहिए. इससे शनि दोष से राहत मिलती है. साथ ही पितृ सूक्त का पाठ करें. इससे नौकरी की तलाश पूरी होगी.
मौनी अमावस्या पूजन विधि-विधान
मौनी अमावस्या के पर्व पर शंकरजी का रुद्राभिषेक करने का विधान है। अमावस्या के दिन सूर्य-चंद्रमा का मिलन होता है, चंद्रमा, सूर्य से अस्त हो जाता है, अमावस्या पर चंद्रमा से संबंधित सफेद वस्तुएं जैसे चीनी, चावल, दूध, दही आदि का दान करने से चंद्रमा अनुकूल होता है, दानकर्ता को मानसिक शांति और सफलता मिलती है। स्नान के पश्चात् गौ, अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, रजत इत्यादि या अन्य कोई भी सुलभ वस्तु दान करने का महत्व है। दान के पश्चात् श्रीतुलसीजी, शंकरजी, पार्वतीजी की विधि-विधान सहित भक्ति पूर्वक पूजा करें तथा पीपल के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें, प्रत्येक परिक्रमा में पीपल के वृक्ष पर कोई वस्तु हर बार चढ़ानी चाहिए। पीपल के वृक्ष की 108 परिक्रमाएं पूरी कर लेने के बाद सभी परिक्रमाओं में चढ़ाई हुई सभी वस्तुएं किसी ब्राह्मण को दान कर दी जाएं। दान करते समय मन ही मन कहें, हे अमावस्या यह दान आपके निमित्त है।

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