Mauni Amavasya 2023 – Shani Amavasya: मौनी अमावस्या पर इस बार काफी दुर्लभ योग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिवार के दिन अमावस्या होने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा। इस दिन शनिवार होने के साथ कई अन्य संयोग भी बन रहे हैं. जानें मौनी अमावस्या से जुड़ी खास बातें.
Mauni Amavasya 2023: अति शुभ है इस साल की मौनी अमावस्या, 20 साल बाद बन रहा विशेष संयोग, इस तिथि पर अवश्य करें ये 5 काम
ये हैं शनिश्चरी अमावस्या तिथि के शुभ योग
Mauni Amavasya 2023 – Shani Amavasya:
इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन के ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव के अनुसार इस बार मौनी अमावस्या के दिन सत्कीर्ति, हर्ष, भारती, वरिष्ठ और खप्पर योग बन रहे हैं. इस तरह अमावस्या के दिन पांच योग का बनना बहुत ही शुभ है.
इनमें से सत्कीर्ति, हर्ष, भारती और वरिष्ठ, ये चार राजयोग हैं. वहीं शनिश्चरी अमावस्या पर खप्पर योग का होना इसे और भी विशेष बना देता है. ये योग धार्मिक कार्यों को संपन्न करने और कुंडली में शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. अगर आपकी कुंडली में शनि से जुड़ा कोई दोष है, शनि साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा वगैरह से पीड़ित हैं, तो शनि अमावस्या के दिन खप्पर योग में शनि से जुड़े उपाय करें. इससे शनिदेव से जुड़े तमाम कष्ट दूर हो जाएंगे.
तर्पण और पिंडदान
अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है, इसलिए इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, पूजा और दान आदि जरूर करें. इस दिन नदी के तट पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें। इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और परिवार के तमाम कष्ट दूर होंगे.ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और पितृगण वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
इस दिन पितृ स्तोत्र का नियमित पाठ करें.
पीपल की पूजा
मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ-साथ अन्य देवता वास करते हैं। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए अमावस्या के दिन पीपल में जल अर्पित करें। इसके साथ ही सफेद रंग की मिठाई अर्पित करके परिक्रमा लगाएं।
अगर संभव हो तो पीपल का एक पौधा लगाएं. इस पौधे की देखभाल करें. जैसे–जैसे ये पौधा बढ़ेगा, शनि और पितरों से जुड़े आपके कष्ट भी दूर हो जाएंगे.
दान
मौनी अमावस्या के दिन दिए गए दान को महादान माना जाता है। इसलिए इस दिन अपनी योग्यता के हिसाब से जरूरतमंदों, गरीबों को आटा, चावल, कंबल, तिल से बनी चीजें, मिठाई, चीनी, दूध आदि दान कर सकते हैं। इससे जीवन के कई कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा।
सूर्यदेव की पूजा
मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। जल चढ़ाते समय तांबे के लोटे में लाल सिंदूर, लाल फूल, काले तिल भी डाल लें।
इन पशु-पक्षियों को खिलाएं भोजन
मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने के साथ पितरों के लिए भोजन बनाएं जिसमें पहला भोजन गाय को, दूसरा कुत्ते को और तीसरा कौअे को दें। मान्यता है कि पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ऐसा करना भी लाभकारी होगा। पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
करें शनिदेव की पूजा
कई दशक बाद मौनी अमावस्या और शनिवार का संयोग बना है. ऐसे में शनि देव की विशेष पूजा करें. सरसों के तेल का दीपक पीपल के नीचे रखें. दशरथकृत शनि स्तोत्र और शनि चालीसा का पाठ करें. काले तिल, काली दाल, काले वस्त्र आदि का दान करें. इससे शनिदेव की कृपा प्राप्त होगी और शनि संबन्धी कष्ट दूर होंगे.
मौनी अमावस्या 2023 मुहूर्त
माघ माह की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या मनाते हैं. इस साल माघ आमवस्या तिथि 21 जनवरी को सुबह 06:17 बजे से देर रात 02:22 बजे तक है. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, 21 जनवरी को मौनी अमावस्या होगी.
मौनी अमावस्या पर न करें ये काम
मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व होता है इस दिन मौन धारण करने का भी विधान होता है मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पूजा पाठ और व्रत के साथ साथ कुछ ऐसे कार्य भी है जिन्हें इस दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना पूरे परिवार को आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है तो आज हम आपको उन्हीं कार्यों के बारे में बता रहे है तो आइए जानते है।
शास्त्र अनुसार इस दिन
- मांस मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अधिक बोलने से भी बचना चाहिए।
- श्मशान घाट या फिर ऐसी नकारात्मक जगहों पर नहीं जाना चाहिए।
- प्रातः अधिक समय बिस्तर पर न पड़े रहें।
- किसी मजबूर व्यक्ति को बिल्कुल भी परेशान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं।
- जूते नहीं खरीदने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में शनिदोष पैदा होता है।
- शनिचरी अमावस्या के दिन घर में तेल या लोहा खरीदकर नहीं लाना चाहिए। अगर आपको शनिवार को इन चीजों का दान करना है तो पहले से ये चीजें खरीदकर रख लें।
- घर में क्लेश न करें, खासकर व्रती को इस दिन आपा न खोने की सलाह दी जाती है।ऐसा भी माना जाता है कि जिस घर में मौनी अमावस्या के दिन अशांति होती है, वहां पितृ देवता की कृपा नहीं पहुंचती है।
इन तीर्थों में स्नान से ‘अमृत की बूंदों’ का स्पर्श
मौनी अमावस्या के दिन संगम, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करने से व्यक्ति के पाप मिटते हैं और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद अमृत कलश के लिए जब देवताओं और असुरों में छीना-झपटी हो रही थी, उस समय अमृत की कुछ बूंदें संगम, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं. इस वजह से उत्तम तिथियों पर यहां स्नान करने से ‘अमृत की बूंदों’ का स्पर्श प्राप्त होता है.
शनिवार गाय को अपने हाथ से खिलाएं
इस दिन काली गाय की पूजा करके कुमकुम और चावल चढ़ाना अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही गाय को अपने हाथों से बूंदी के लड्डू खिलाएं और उसकी परिक्रमा करें। लेकिन गाय की पूजा करते समय सावधानी ज़रूर रखें। इस उपाय से शनि के दोष दूर हो सकते हैं।