गौ माता पूजा विधि
स्वच्छ और शुद्ध होकर सभी पूजन सामग्री (धूप, दीप, रोली, अक्षत, ग्रास- हरा चारा) लेकर किसी गौशाला या गौ माता के पास जायें। सबसे पहले गौ माता को रोली और अक्षत लगायें। धूप दीप दिखायें। उसके बाद दोनों हाथ जोड़कर निम्न मंत्रो से गौ माता की वंदना करें।
“ॐ कपिले नन्दे नमः।
ऊँ कपिले भद्रिके नमः।
ॐ कपिले सुशीले नमः
ॐ कपिले सुरभिप्रभे नमः।
ॐ कपिले सुमनसे नमः ।
ॐ कपिले भुक्तिमुक्तिप्रदे नमः।”
अर्थ: हे आनंददायिनी, कल्याणकारिणी, उत्तम स्वभाववाली, सुरभिकी-सी मनोहर कांतिवाली, शुद्ध हृदयवाली तथा भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाली कपिले!
तुम्हें बार-बार नमस्कार है।
वंदना के बाद ग्रास (हरा चारा) को हाथ में लेकर गौ माता को खिलाये और इस प्रकार गोमाता से प्रार्थना करें – “देवताओं को अमृत प्रदान करने वाली,हे वरदायिनी, जगन्माता सौरभिये! यह ग्रास (हरा चारा) ग्रहण करो और मुझे मनोवांछित वस्तु दो। हे कपिले! ब्रह्मर्षि वशिष्ठ तथा बुद्धिमान विश्वामित्र ने भी तुम्हारी वंदना की है। मैंने जो दुष्कर्म किया हो, मेरा वह सारा पाप तुम हर लो। गौयें सदा मेरे आगे रहें, गौयें मेरे पीछे भी रहें, गौयें मेरे हृदय में निवास करें और मैं सदा गौओं के बीच निवास करूँगा । हे गोमाता ! मेरे दिये हुए इस ग्रास (हरा चारा) को ग्रहण करो।”
गोमाता के पास इस प्रकार बारम्बार प्रार्थना करने वाला पुरुष निर्मल (पापरहित) एवं शिव- स्वरूप हो जाता है।
ऐसा करने से आपकी हर परेशानी खत्म हो जाएगी। साथ ही 33 कोटि देवी-देवताओं की कृपा आप पर बनी रहेगी और वे सभी देवी-देवता आपके सभी शुभकर्मों में आपके सहभागी होंगे और आपकी सहायता करेंगे। वहीं आपके परिवार पर जो भी समस्याएं होंगी वह जल्दी ही खत्म हो जाएंगी। कभी भी दरिद्रता आपके घर में वास नहीं करेगी और यदि आप अपने जीवन में कोई भी समस्या नहीं चाहते हैं तो प्रतिदिन गाय का पूजन जरुर करें। ऐसा करने से नवग्रह शांत हो जाएंगे और आपके जीवन में शुभ परिणाम देने लगेंगे। तथा आपके जीवन से सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी और आपके घर के सारे दोष भी समाप्त हो जाएंगे।