क्या आपके भी जिवन  मे स्थिरता और सफलता का अभाव है ? भाग्योदय मे अनावश्यक विलंब हो रहा है ? Bhrigu Sanhita Kundli Report

इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन
आपके लिए लेकर आया है ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव परिवार की तीन पीढ़ियों की अविरल सेवा के संचित ज्ञाान का भंडार जिसका नाम है-

“विस्तृत भृगु संहिता कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट“

पूर्व जन्म कृत दोषों का प्रभाव

कुछ विशेष तथ्य जिनके माध्यम से आप जान सकते हैं, कि पूर्व जन्म के दोष आपको प्रभावित कर रहें हैं और इसका उपाय आवश्यक है।

स्वास्थ्य:
हर समय स्वास्थ्य बाधा बनी ही रहती है, इलाज करने पर भी उचित परिणाम नहीं प्राप्त होता है। पिछले जन्म में किए गए पाप ही इस जन्म में रोग बनकर पीड़ा देते है। प्रायश्चित किया जाए तो नब्बे प्रतिशत रोग यहां तक कि जटिल रोग भी, ठीक हो सकते हैं।

व्यवसाय बाधा :
व्यापार में उन्नति के लिये पूंजी पूरी लगाते हैं, प्रयत्न भी पूरा करते हैं, लेकिन धन-लाभ, जितना होना चाहिये, उसका आधा भी प्राप्त नहीं होता है। नवें स्थान पर शनि पूर्व जन्म में दूसरे व्यक्तियों की उन्नति में बाधा पहुंचाने का दोष दर्शाता है। ऐसे व्यक्ति व्यवसाय/नौकरी में विशेष उन्नति नहीं कर पाते हैं।

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रिश्ते में विश्वासघात :
जिन व्यक्तियों पर आप विश्वास करते हैं, वे ही आपको धोखा देते हैं, अपनों से ही हानि प्राप्त होती है, तो समझ लीजिये कि दोष पूर्व जन्म का है। अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपके रिश्तो में कोई ऐसा पैटर्न चल रहा है जिससे आपको काफी ज्यादा परेशानी हो रही है और जीवन में कोई बदलाव नहीं आ रहा है, तो इसका सीधा-सीधा अर्थ है कि आपके पिछले जन्म के कर्म हैं, जो आपके इस जीवन में प्रभाव दिखा रहे हैं।

स्वास्थ्य:
हर समय स्वास्थ्य बाधा बनी ही रहती है, इलाज करने पर भी उचित परिणाम नहीं प्राप्त होता है।.माता के आचरण एवं खान-पान में कोई त्रुटि न होते हुए भी कुछ बच्चे बीमार ही पैदा होते हैं। यहाँ पर इन दोषों का कारण गर्भावस्था के दौरान माता की जीवनशैली नहीं, अपितु पूर्व जन्म के कर्म होते हैं।

गृह क्लेश:
गृहस्थ जीवन में अनुकूलता नहीं रहती, पति-पत्नी में मतभेद बने रहते हैं, जिस प्रकार से घर का वातावरण आप चाहते हैं, वैसा नहीं रहता। भाई-भाई के बीच मतभेद हो जाता है. ननद-भाभी में घर के कार्यों को लेकर तू तू मैं मैं होती रहती है. यहां तक कि पति-पत्नी के बीच भी बहसबाजी, लड़ाई झगड़े होने लगते हैं.

शत्रुत्व :
आप अपने प्रयत्नों से शत्रुओं पर हावी रहते हैं, लेकिन एक शत्रु शान्त होता है तो दो नये शत्रु उत्पन्न होते हैं, कुछ न कुछ कुचक्र आप के विरूद्ध चलता ही रहता है। मनुष्य के वर्तमान जीवन में जो कुछ भी अच्छा या बुरा अनायास घट रहा है, उसे पिछले जन्म का प्रारब्ध या भोग्य अंश माना जाता है। पिछले जन्म के अच्छे कर्म इस जन्म में सुख दे रहे हैं या पिछले जन्म के पाप इस जन्म में उदय हो रहे हैं,

भाइयो से मतभेद :
भाइयों से सहयोग प्राप्त नहीं होता, बचपन में जिन से प्रेम था, उन्हीं भाइयों से शुत्रता बन जाये और मतभेद रहे, तो दोष पूर्व जन्म का ही है। पूर्व जन्मों के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नि, प्रेमी-प्रेमिका, मित्र-शत्रु, सगे-सम्बन्धी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते नाते हैं, सब मिलते हैं । क्योंकि इन सबको हमें या तो कुछ देना होता है या इनसे कुछ लेना होता है ।

संतान सुख :
संतान का स्वास्थ्य हर समय गड़बड़ रहता हो, संतान आज्ञाकारी न हो और आपकी अपेक्षा के अनुसार कार्य न करती हो, पुत्र संतान का न होना भी निश्चित रूप से पूर्व जन्म कृत दोष ही है। कभी-कभी आकस्मिक रूप से घर में किसी जवान पुत्र-पुत्री अथवा पारिवारिक सदस्य की अकाल मृत्यु हो जाये, तो आपको जो मर्मान्तक पीड़ा पहुँचती है, तो निश्चित रूप से पूर्व जन्म का दोष है।

धन और यश का अभाव:
लक्ष्मी अर्थात् धन का अभाव हर समय बना रहता है, आय की अपेक्षा व्यय अधिक होता है और इस कारण कर्ज की स्थिति बन जाती है। जो यश आपको मिलना चाहिये, जो सम्मान आपको प्राप्त होना चाहिये, वह प्राप्त नहीं हो पाता, कार्य आप करते हैं और यश कोई और प्राप्त कर लेता है, तो निश्चित ही पूर्व जन्म कृत दोष है।

कर्म भोग:
अपना किया हुआ कर्म नहीं छोड़ा जा सकता, उसका विनाश नहीं हो सकता, पूर्व जन्म में किया हुआ कर्म भाग्य नामक आनुबन्धिक अर्थात् आत्मा के साथ परलोक में भी निश्चित रूप से बँधा हुआ है। जिस तरह बीज से फल का अनुमान होता है, उसी तरह कर्म से पुनर्जन्म और पुनर्जन्म से किये गये कर्म का अनुमान होता है।

पिछले जन्म के कर्मों का आपको देना होता है अपने वर्तमान में हिसाब

आपके पास इस समस्या से बचाव के लिए उपाय है। है भृगु संहिता कुंडली द्वारा अपने कर्मो को जानकार सही दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त करें।

व्यक्ति के जीवन में उतारचढा़व बने ही रहते हैं. कई बार जीवन में बहुत सी ऎसी चीजों की प्राप्ती भी नहीं हो पाती है जिनके लिए व्यक्ति ने जीतोड़ मेहनत की हो. लगातार प्रयासों के बावजूद मिलने वाली असफलता से व्यक्ति निराशा के भाव में चला जाता है. जीवन में इन असफलताओं और व्यवधानों से बचने के लिए भृगु संहिता में बहुत से उपाय दिए गए हैं जिनमें से एक ग्रह शांति के उपायों के विषय में बताया गया है.

भृगु संहिता के अनुसार ग्रहों की स्थिति का अनुमान लगाना। जीव जब जन्म लेता है उस समय के नक्षत्र उस समय के लग्न भाव और ग्रहों के गृह स्थान का निर्धारण करके एवं आने वाले समय मे उनके महादशा एवं अंतर्दशा के आधार पर हम ग्रहों के प्रभाव का वर्णन करते है।

 

भृगु संहितामें प्रश्नकर्ता के प्रश्नों से तथा जन्मकुंडली प्रस्तुत करने पर उनसे पूरी शुद्धता से उसका भूत, भविष्य एवं वर्तमान का विवरण दे सकते हैं। क्योंकि भृगु संहिता में ज्योतिष से संबंधित समस्त जानकारियां दी गई है, इसलिए भृगु संहिता कुंडली के लग्न के आधार पर बताया गया है कि आपका पूर्व जन्म के कर्म वर्तमान जन्म के भाग्योदय को कैसे प्रभावित करते है तथा इन विघ्नबाधाओं से मुक्ति कैसे मिलेगी, इसका सम्पूर्ण विवरण आपके भृगु संहिता कुंडली एवं फलादेश में विस्तार पूर्वक बताया गया। –

 

भृगु संहिता के रचयिता ऋषि भृगु की ख्याति एक ऐसे कालातीत भविष्यवक्ता के रूप में है जो भूत, भविष्य और वर्तमान पर समान दृष्टि रखते थे। वह समय की मोटी दीवार के आरपार ऐसे देख सकते थे जैसे किसी पारदर्शी कांच में से देख रहे हों। उन्होंने प्रमाणित किया है कि कुंडली के लग्न को देखकर मालूम किया जा सकता है कि किस संभावित उम्र में व्यक्ति को भाग्य का साथ और धन का सुख मिल सकता है।

क्या आपको लगता है कि आप भी जीवन के विविध समस्याओं के मकड़ जाल में फंसे हो, तो यह भृगु संहिता कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट आपके जीवन की सभी समस्याओं का निवारण कर सकती है?” इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन(InAF) के संस्थापक ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव ने अब इस नामुमकिन लगने वाले कार्य को संभव बना दिया है। जी हाँ, इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन(InAF) आपके लिए लेकर आया है ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव परिवार की तीन पीढ़ियों की अविरल सेवा के संचित ज्ञान का भंडार जिसका नाम है

यह रिपोर्ट आपको ज्योतिष की विभिन्न प्रणालियों जैसे भृगु पद्धति कुंडली, वैदिक ज्योतिष, लाल किताब तकनीक, केपी प्रणाली, वैदिक अंक शास्त्र की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी। इस रिपोर्ट के माध्यम से आप अपने भविष्य के विषय में गहरायी से जान पाएंगे। यह विस्तृत भृगु पद्धति कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट केवल आपको आने वाली परेशानियों और उतारचढ़ावों के विषय में बताएगीबल्कि यह आपको उन चुनौतियों से लड़ने के लिए सटीक उपाय भी प्रदान करेगी।

Bhrigu Sanhita Kundli Report-इस रिपोर्ट की विशेषताओं को विस्तार से जाने

महर्षि के कालखण्ड में कागज और छपाई की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ऋचाओं को  कंठस्थ कराया जाता था और इसकी व्यवहारिक जानकारी शलाकाओं के माध्यम से शिष्यों को  दी जाती थी। कालान्तर में जब लिखने की विधा विकसित हुई और उसके संसाधन मसि भोजपत्र ताड़पत्र आदि का विकास हुआ, तब कुछ विद्वानों ने इन ऋचाओं को लिपिबद्ध करने का काम किया।  भृगु संहिता एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें इस धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य की ना केवल वर्तमान जन्म बल्कि पूर्व जन्मों तथा पुनर्जन्म की कुंडली एवं फलादेश, राहुकेतु सहित 9 ग्रहों के अद्भुत सरल उपाय, 5 हजार साल पहले से पूर्व लिखित उपलब्ध है।

 

परंतु अब ज्योर्तिविद श्यामा गुरुदेव, के सहयोग से संपूर्ण विश्व मे भारत के इस अदभुत विलक्षण ग्रंथ के प्रचार प्रसार तथा सामान्य जन को इस महाग्रंथ के रहस्यों से लाभान्वित करने के उद्देश्य से भृगु कुंडली तथा फलादेश उपलब्ध कराने का अभीयान आरंभ किया है। इस लेख को पढनेवाले भाग्यशाली व्यक्ति अपना जन्म विवरण भेजकर संस्थान से अपना भुतकाल,वर्तमानकालतथा भविष्यकाल की विसतृत जानकारी प्राप्त कर सकता है।

इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन(InAF) की आपके लिए अपनी सबसे श्रेष्ठ रचना |

इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन(InAF) की आपके लिए अपनी सबसे श्रेष्ठ रचना |


प्रस्तुत करता है। 200 से भी अधिक पन्नों की यह रिपोर्ट आपको जीवन के कई पहलुओं के आधार पर सटीक और विस्तृत विश्लेषण देती है। आपके प्रेम जीवन, विवाह, परिवार, करियर, व्यवसाय, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के विषय में बताई गयी बातें इस ज्योतिष-रिपोर्ट को सबसे अलग बनाती है और इसलिये यह अब तक की सबसे बेहतरीन रिपोर्ट है।

 

असाधारण विशेषताएँ, सटीक भविष्यवाणियां, रंगीन प्रारूप और विस्तृत वैदिक विज्ञान आधारित दृष्टिकोण विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्टकी महत्वपूर्ण खूबी है!

 

इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन(InAF)  ने इस रिपोर्ट में प्रत्येक व्यक्ति के कुछ ऐसे पहलुओं को दर्शाया है, जो आज से पहले कभी किसी रिपोर्ट में पढ़ा नहीं होगा । ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव द्वारा इस रिपोर्ट में विशेष पद्यतियों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें ग्रहों की स्थिति के आधार पर इसे तैयार किया गया है। नीचे दी गयी तालिका में आपको विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट की सभी विशेषताओं को बताया जा रहा है, जो प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संघर्ष करने वाले लोगों के लिए एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प बनाती हैं:

 

सबसे सर्वोच्च रिपोर्ट: आपको अपने जीवन के रहस्यों को समझने के लिए अलग-अलग ज्योतिष रिपोर्टों को खरीदने की आवश्यकता नहीं है – विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्टमें सभी को समाहित किया गया है। 

 

ज्योतिष की अनेक पद्यतियों का समावेश:

 

विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट में लाल किताब, वैदिक, ताजिक से लेकर केपी, केसीआईएल, 4-स्टेप ग्रह निर्देशन, और अंक ज्योतिष, आदि को शामिल किया गया है। 

 

ज्योतिष चार्ट और व्याख्या: षोडशवर्ग चार्ट, अष्टकवर्ग तालिका, चलित चार्ट, लगन चार्ट, ग्रहों का चार्ट और बहुत कुछ।

 

विस्तृत वर्षफल भविष्यवाणी: वर्षफल से जानें आने वाले साल का कौन-सा समय आपके लिए है बेहतर और किस माह आपको करना पड़ेगा चुनौतियों का सामना।

 

लाल किताब टेवा:  लाल किताब का ज्ञान एक रहस्यमयी ज्ञान है। लाल किताब में उपायों के अलावा आचार संहिता का भी उल्लेख मिलता है यह आचार संहिता कुंडली के भावों के अनुसार निर्मित होती है।

 

अनुकूल अवधि और शर्तें: शैक्षणिक और कैरियर की संभावनाएं, सबसे अनुकूल कैरियर विकल्प, आपके कौशल और योग्यता जो आपके करियर का पक्ष लेते हैं, कैरियर और उपचार पर भविष्यवाणियाँ, निधि प्रवाह, व्यवसाय में वृद्धि, भाग्य कारक, आदि पर भविष्यवाणियाँ।, बढ़ जाता है और कैरियर में गिर जाता है, करियर में वृद्धि के लिए अनुकूल अवधि| “विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट ” में मिलेगा आपको समाधान!

 

सुझाव + उपाय: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रह दोष होने से व्यक्ति की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। भाग्य का साथ नहीं मिलता है। ऐसी परिस्थिति में ग्रह दोष को खत्म करने के लिए कुछ ज्योतिष उपाय किए जाते हैं। कौन सा रत्न पहनने से किस्मत का मिलेगा साथ? या कौन सा रुद्राक्ष आपको बना सकता है सफल? जानना चाहते हैं कि कौन सा यंत्र आपको सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर सकता है? इन सभी सवालों का उत्तर मिलेगा  “विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट ”  में।

 

जानें अपना इष्ट देव /कुलदेवता/कुलदेवी: कुलदेवता,कुलदेवी की पूजा करना जरूरी है, प्रत्येक हिन्दू परिवार किसी न किसी ऋषि के वंशज हैं। जिनसे उनके गोत्र का पता चलता है, प्रत्येक व्यक्ति और परिवार को अपने कुल देवता या देवी को जानना चाहिए तथा यथायोग्य उन्हें पूजा प्रदान करनी चाहिए, जिससे परिवार की सुरक्षा – उन्नति होती रहे। ऐसे अनेक परिवार देखने मे आते है जिन्हें अपने कुल देवी देवता के बारे में कुछ भी नही मालूम नही होता है। किन्तु कुलदेवी – देवता को भुला देने मात्र से वे हट नही जाते, वे अभी भी वही रहेंगे। यदि मालूम न हो तो “विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट ” अवश्य पढ़े

 

ग्रहों की दशा और प्रभाव: कुंडली में ग्रहों की दशा खराब हो तो इंसान का जीवन दुखों से भरने में देर नहीं लगती है. न मंगल से दिक्कत-न शनि का संकट, कुंडली में ग्रहों की दशा “विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट ” की सहायता से ऐसे करें काबू, सूर्य से लेकर शनि तक और बृहस्पति से लेकर मंगल तक हर ग्रह का जीवन पर अलग प्रभाव

 

अंकों से जुड़ा है आपका भाग्यअंक ज्योतिष रिपोर्ट- : देखा जाये तो पूरा जीवन ही अंकों का खेल है लेकिन अंक ज्योतिष के माध्यम से आपके भाग्य का सटीक आकलन किया जा सकता है। अंक ज्योतिष को अंक विज्ञान भी कहा जा सकता है। इस रिपोर्ट में आप पाएंगे अंक ज्योतिष से जुड़ी कुछ खास बातें और ज्ञानवर्धन व मार्गदर्शन करने वाली जानकारियाँ।

 

विशेष योग और राज योग  आपके जीवन का स्वर्णिम काल: अनुकूल ग्रहों की दशा अवधि आने पर राजयोग के फल मिलने लगते हैं। रंक से राजा बना सकते हैं आपकी कुंडली में कुछ राजयोग,जानें  “विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट ”  में विशेष योग

 

उपचार क्षमता – Astro-Vastu Remedial Measures in –

अक्सर सही जानकारी के अभाव में सामान्यजन किसी के भी कहने पर ज्योतिषीय उपाय आजमाने लगते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरह के आजमाए गए उपाय कई बार हानिकारक सिद्ध हो सकते हैं। कुछ लोगों पर अचानक कोई संकट आ जाता है तो कुछ लोग सालों से संकटों का सामना कर रहे हैं। मान जाता है कि संकटों का कारण पितृदोष, कालसर्प दोष, शनि की साढ़े साती और ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव होते हैं।

 

प्रत्येक व्यक्ति सुखी जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहा है। इसी संघर्ष को कम करने में ज्योतिषीय उपाय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।

 

हाँ! आपने सही पढ़ा! “विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट ” के ज्योतिषीय उपाय आपके लिए वरदान है, क्योंकि यह आपके मनोबल को बढ़ाता है, और आपको परिस्थितियों का सामना करने के लिये सकारात्मकता प्रदान करता है। इस रिपोर्ट के माध्यम से आप अपने भविष्य के अच्छे पहलुओं के विषय में जान सकते हैं, और अपना मनोबल बढ़ा सकते हैं। साथ ही यह रिपोर्ट आपको भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए पहले से ही तैयार रहने में मदद कर सकता है।

 

हर एक व्यक्ति अपने जीवन में एक कामयाब इंसान बनना चाहता है, जैसे- एक व्यापारी को व्यापार में सफलता पाने के उपाय, छात्र को परीक्षा में सफलता पाने का मंत्र और जॉब कर रहे जातक को नौकरी में कामयाबी के उपाय की चाह होती है। “विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट ” की मदद से आप घर में गृह कलह, आर्थिक संकट, वैवाहिक संकट, कोर्ट कचहरी या दवाखाने के और और भी बहुत कुछ के विषय में जान सकते हैं 

 

रिपोर्ट में दिया गया हर उत्तर, भविष्यवाणी या उपाय बताता है कि आप अपने भविष्य को बेहतर और उज्जवल कैसे बना सकते हैं।

 

अंक ज्योतिष की मदद से आप अपना भाग्यांक जान सकते हैं। शुभ रंग या दिशा आपके जीवन में “लक” फैक्टर को बढ़ाने में आपकी सहायता करता है।

 

भाग्य कर्म का फल है. जो प्राणी जैसा कर्म करता है उसे उसका फल मिलता है. वही फल भाग्य है. भाग्य या दुर्भाग्य को बदला नहीं जा सकता किन्तु उसके अच्छे या बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है. इसी लिए कहा गया है कि-

 

“ललाट पट्टे लिखिता विधात्रा षष्ठी दिने या अक्षर मालिका च. ताम जन्म पत्री प्रकटीम विधत्ते दीपो यथा वस्तु घनान्धकारे.”

 

अर्थात जन्म के छठे दिन विधाता ने ललाट में जो अक्षर लिख दिया उसे जन्म पत्री ठीक वैसे ही प्रकट कर देती है जैसे घने अन्धकार में पडी वस्तु को कोई दीपक प्रकट कर देता है.

 

विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्टलाल किताब की भविष्यवाणी और उपचार के अतिरिक्त, बृहत् कुंडली लाल किताब टेवा और लाल किताब पैतृक ऋणों के बारे में तथा ग्रहों के दोषों के के सम्बन्ध में विस्तृत विश्लेषण बताती है, और इसके रिपोर्ट के द्वारा आप यह भी जान सकते हैं कि यह कैसे किसी के जीवन को प्रभावित करती है।

 

विस्तृत भृगु कुंडली एवं फलादेश रिपोर्ट की मदद से आप अपने जीवन का कायाकल्प कर सकते हैं।

इण्डिया एस्ट्रोलॉजी फाउंडेशन(InAF) तथा ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव  के इस अदभुत विलक्षण ग्रंथ भृगु संहिता कुंडली के अनूठे आविष्कार का इस्तेमाल करें और अपनी सभी परेशानियों को अलविदा करें!

भृगु कुंडली सूत्र द्वारा जानिये आपके

👉जन्म से लेकर मृत्यु तक के प्रेडिक्शन-

✓ क्या आप आपकी कुंडली में धनाढय योग हैं?
✓ क्या आपके इनकम में बाधा आ रही है?
✓ लांछन योग से परेशान है?
✓ कोर्ट केस योग?
✓ झूठे आरोप के योग?
✓ लोन न चुका पाने के योग?
✓ शत्रु के ऊपर विजय के योग?
✓ क्या आपके ऊपर तंत्र-मंत्र किया हुआ है?
✓ क्या आप बहार बाधा से ग्रस्त है?
✓ क्या आप किसी बीमारी से कष्ट झेल रहे है?
✓ क्या आप दांपत्य जीवन से दुखी हैं?
✓ क्या आप किसी बीमारी से छुटकारा पाना चाहते हैं?
✓ क्या आप धन की समस्या से ग्रस्त हैं?
✓ क्या आपकी शिक्षा प्राप्ति में बाधा या रही है?
✓ क्या आपको मानसिक कष्ट है?
✓ क्या आप के ऑफिस में परेशानियां हैं?
✓ क्या आपके जीवन में सुख नहीं है?
✓ क्या आप गवर्नमेंट जॉब पाना चाहते हैं?
✓ क्या आपके दांपत्य जीवन में क्लेश है?
✓ क्या आप अपनी पत्नी के व्यव्हार से दुखी हैं?
✓ क्या आप अपने पति से परेशान हैं?
✓ क्या आप शत्रु बाधा से परेशान हैं
✓ क्या आपका मन दुखी रहता है?
✓ क्या आप के ऑफिस में परेशानियां हैं?
✓ क्या आपको संतान प्राप्ति में परेशानी आ रही है?
✓ क्या आप अपने प्रेमी  प्रेमिका को पाना चाहते हैं?
✓ क्या आपको अपने लव अफेयर में धोखा मिला है?
✓ क्या आप अपना मकान बनाना चाहते हैं?
✓ क्या आप गाड़ी खरीदना चाहते हैं?
✓ क्या आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है?
✓ क्या आपकी इच्छाएं पूरी नहीं हो पा रही है?
✓ क्या आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है?
✓ क्या आप लोन प्राप्त करना चाहते हैं?
✓ क्या आप लोन चुका नहीं पा रहे हैं?

यदि आपका भी जीवन इन परेशानियों से संघर्ष में करते करते गुजर रहा है तो आज ही अपनी भृगु संहिता कुंडली प्राप्त करे एवं अपनी परेशानियों का सटीक उपाय करें भृगु संहिता कुंडली रिपोर्ट की शक्ति से अपने भाग्य को खोलें.

 

विस्तृत भृगु संहिता कुंडली रिपोर्ट- से जानें, पूर्वजन्म के कर्मदोष, कब होगा भाग्योदय और जीवन सफल.

 

अपने और संपूर्ण परिवार की विस्तृत भृगु संहिता कुंडली रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कृपया निम्नलिखित विवरण जमा करें

पूरा नाम______
जन्म की तारीख_____
जन्म का समय _____
जन्म स्थान_____
माता-पिता का नाम____ 

 

और Google Pay या Phone Pe द्वारा रु.1121/- की दक्षिणा के साथ हमारे व्हाट्सएप 7397902019 पर साझा करें .

 

आपसे प्राप्त दक्षिणा का उपयोग संस्थान द्वारा संचालित नागपुर स्थित श्री श्यामा गौ सेवा धाम में गौ माता को हरा चारा और औषधि तथा अन्य साधन सामग्री उपलबध करवाने के लिए किया जाएगा।

 

आज हर व्यक्ति चाहता है कि उसका भाग्य प्रबल रहे , उसकी मेहनत का उसको भरपूर फल मिले, समाज में उसका खूब यश और मान हो, उसे जिंदगी में किसी चीज की कमी ना हो । धन दौलत, शोहरत हर चीज उसके पास हो। लेकिन हमारी सोचने या चाहने से कुछ नहीं होता। आपने बहुत से लोग देखे होंगे जो जीवन भर संघर्ष करते हैं, उनमें काबिलियत की कमी नहीं होती लेकिन वे डट कर मेहनत करने के बावजूद जिंदगी में वह सब चीजें हासिल नहीं कर पाते, जिनके लिए वे डिजर्व करते हैं। आपने ऐसे भी लोग देखे होंगे , जो कम पढ़ा लिखा होने या कम संघर्ष करने के बावजूद सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले जाते हैं और जीवन में नेम एंड फेम हासिल करते हैं। लक्ष्मी भी उन पर मेहरबान रहती है। किसी भी व्यक्ति की सफलता या असफलता के पीछे ग्रहों का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। खासकर हमारी जन्मकुंडली के भाग्य स्थान यानी नवम स्थान में बैठा ग्रह हमारे भाग्योदय की उम्र तय करता है। कई ग्रह छोटी उम्र में ही भाग्य उदय कर देते हैं तो कई ग्रह तब हमारा भाग्योदय करते हैं, जब हम 35 साल की उम्र पार करने लगते हैं।

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