संस्कृत शब्द अक्षय का अर्थ है वह जो कभी कम न हो या अनन्त (एकांत) हो। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सोना और चांदी अक्षय तृतीया में खरीदारी बहुत फलदायी माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन पुराणों में भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन से सतयुग की शुरुआत हुई थी।
मनुष्य जीवन में हर क्षण कोई न कोई समस्या उत्पन्न होती है तथा जिसका निदान भौतिक रूप से मिलता नहीं। इसी कारण परालौकिक शक्तियों की सहायता से जिन्हें हम भगवान, देवता इत्यादि के नाम से जानते हैं, के मंत्र, जप, पूजा-पाठ, दान-धर्म इत्यादि से करते हैं। श्रद्धा तथा विश्वास से करें तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है।
यदि आप अक्षय तृतीया के दिन निम्न उपाय करते हैं तो धन की देवी माता लक्ष्मी शीघ्र ही प्रसन्न होकर आपके घर स्थायी निवास करेंगी तथा इन उपायों से आपको अक्षय लाभ भी प्राप्त होगा।